हादसे के 17 घंटे बाद सरकार ने स्वीकारा, प्रयागराज में हादसे में हुई 30 श्रद्धालुओं की मौत, 60 घायल, पहले बताया गया अफवाह

प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट मंगलवार और बुधवार की आधी रात को भगदड़ से हुए हादसे के 17 घंटे के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया कि 30 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, मीडिया में खबरें चल रही हैं कि हादसे में में 35 से 40 लोग मारे गए हैं। एक दूसरी घटना में कार को बैक करते हुए कुछ लोग कुचल गए थे। इससे पांच लोगों की जान चली गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार की आधी रात के बाद बुधवार करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इसमें बुधवार की सुबह 17 से अधिक लोगों की मौत की खबर सामने आई। साथ ही 50 से ज्यादा लोग घायल बताए गए। दर्दनाक हादसा रात करीब दो बजे संगम तट के पास हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मौत की खबरों को मीडिया ने छिपा दिया। सिर्फ दैनिक भास्कर ने ही इसका खुलासा किया। बुधवार सुबह ही दैनिक भास्कर की खबर थी कि स्वरूपरानी अस्पताल में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। यही नहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने तब तक किसी मरने वाले के प्रति संवेदना तक व्यक्त नहीं की। साथ ही मीडिया में कुछ लोगों के घायल होने की खबर दी गई। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अफवाहों पर ना जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहली बार अखाड़ों बाद में किया स्नान
हादसे के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया था। अखाड़ों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पहले श्रद्धालुओं को अमृत स्नान करने का अवसर दिया और बाद में सांकेतिक रूप से अमृत स्नान किया। यह पहला मौका था जब साधु-संतों, नागा संन्यासी और अखाड़ों ने संगम में ऐतिहासिक प्रथम स्नान की प्रतिज्ञा तोड़ दी। स्नान के लिए जाते समय गाजे बाजों का प्रयोग नहीं किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रशासन ने दी ये जानकारी
पूरे दिन भर मौत की खबरों को छिपाया गया। घटना के 17 घंटे के बाद शाम 6.30 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्णा ने तीन मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान डीआईजी ने बताया गया कि भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। 60 लोग घायल हैं। 25 शवों की पहचान कर ली गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भगदड़ में मरने वालों में यूपी के सबसे ज्यादा 19, कर्नाटक के 4, गुजरात और असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसकी वजह से कुछ लोग जमीन पर सो रहे कुछ श्रद्धालुओं पर चढ़ गए। इसके बाद अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मेले में कोई वीआईपी प्रोटोकाल नहीं होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मृतकों के परिजनों को 25 लाख के मुआवजे का ऐलान
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने कहा कि जो श्रद्धालु महाकुंभ में आएं हैं, उन्हें वापस भेजने के लिए काम किया जा रहा है। अब सवाल न करें। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भगदड़ की ये मानी जा रही वजह
जब हादसा हुआ, उस समय लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान के लिए इंतजार कर रहे थे। बुधवार की रात करीब एक बजे हुई भगदड़ की कुछ संभावित वजह मानी जा रही है। अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। इस दौरान बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई। वहीं, संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए। घटना का कारण बताते हुए कहा कि अखाड़ा क्षेत्र में बैरिकेड्स लगे हुए हैं। इनमें से कुछ बैरिकेड्स टूट गए। कई श्रद्धालु जो ब्रह्म मुहूर्त का इंतज़ार करते हुए घाट पर ही लेटे हुए थे। तभी कई दूसरे श्रद्धालु वहाँ पहुँच गए। वो देख नहीं पाए कि नीचे कौन लेटे हैं, और इस तरह ये दुर्घटना हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक और भगदड़ में पांच की मौत
इसके अलावा महाकुंभ में बुधवार सुबह भी भगदड़ मची। हालांकि घटना देर रात सामने आई। दरअसल, ओल्ड जीटी रोड की तरफ से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मेला क्षेत्र में आ रहे थे। इसी बीच मुक्ति मार्ग पर एक महामंडलेश्वर की गाड़ी वहां से गुजर रही थी। इसी दौरान 2-3 महिलाएं वहां गिर पड़ीं। गाड़ी महिलाओं को रौंदते हुए निकल गई। इसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। इसमें 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीओ रुद्र प्रताप के मुताबिक, यह दुर्घटना सुबह 8 से 9 बजे के बीच में हुई। गाड़ी बैक करने के दौरान 5 लोग घायल हो गए थे। उन्हें इलाज के लिए स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मरने वालों की शिनाख्त कराई जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम योगी ने भी दबा कर रखी मौत की सूचना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूरे मामले पर कहा कि भीड़ का दबाव बहुत ज़्यादा है और क़रीब तीन करोड़ लोगों ने स्नान किया है। योगी ने बुधवार की सुबह कहा था कि कोई भी नकारात्मक बात न फैलाएं। क्योंकि इसका ख़ामियाजा भुगतना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालात काबू में हैं। योगी ने ये नहीं कहा कि कितने लोगों की मौत हुई है, लेकिन घायलों होने की बात को स्वीकार किया था। हादसे के कई घंटों के बाद देर रात योगी आदित्यनाथ ने ट्विट किया और मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने लिखा कि महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में हुई घटना अत्यंत दु:खद है, मर्माहत करने वाली है। मृतकों को विनम्र श्रद्धांजलि व मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।