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January 12, 2025

वैक्सीन को लेकर कांग्रेस मुखर, राष्ट्रपति को ज्ञापन, उत्तरकाशी में कार्यकर्ता पहुंचे डीएम दफ्तर, हल्द्वानी में फूंका पुतला

देश भर के सभी लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।


देश भर के सभी लोगों को मुफ्त कोरोना वैक्सीन लगाने की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उत्तरकाशी में कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी दफ्तर पहुंचकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। वहीं, हल्द्वानी में बढ़ती महंगाई के विरोध में कांग्रेसियों ने प्रदर्शन कर सरकार का पुतला जलाया।
कांग्रेस की मांग है कि देश में प्रतिदिन एक करोड़ वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने व भारत के हर नागरिक को यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन किया जाए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है कि कहा कि कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है। दुख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है।
उन्होंने कहा कि उग्र कोविड-19 महामारी के बीच वैक्सीनेशन ही एकमात्र सुरक्षा है। मोदी सरकार की वैक्सीनेशन की रणनीति भारी भूलों की एक खतरनाक कॉकटेल है। भाजपा सरकार ने ‘वैक्सीनेशन की योजना’ बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया। भाजपा सरकार निंदनीय रूप से ‘वैक्सीन की खरीद’ से बेखबर रही। केंद्र सरकार ने जानबूझकर एक ‘डिजिटल डिवाईड’ पैदा किया, जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई। केंद्र सरकार ने ‘विभिन्न कीमतों के स्लैब’ बनाने में जानबूझकर मिलीभगत की। यानि एक ही वैक्सीन के लिए अलग अलग कीमतें तय कीं, ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके।
जहां अन्य देशों ने मई, 2020 से वैक्सीन खरीदने के ऑर्डर देने शुरू कर दिए थे, वहीं मोदी सरकार ने भारत को इसमें विफल कर दिया। केंद्र सरकार ने वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी, 2021 में जाकर दिया। जन पटल पर मौजूद जानकारी के अनुसार, मोदी सरकार और राज्य सरकारों ने 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आज तक केवल 39 करोड़ वैक्सीन खुराकों का ऑर्डर दिया है।
भारत सरकार के अनुसार, 31 मई, 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सीन ही लगाई गईं, लेकिन वैक्सीन की दोनों खुराकें केवल 4.45 करोड़ भारतीयों को ही मिली हैं, जो भारत की आबादी का केवल 3.17 प्रतिशत है। पिछले 134 दिनों में, वैक्सीनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस गति से, देश की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो हम देश के नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचा पाएंगे, इस सवाल का जवाब मोदी सरकार को देना होगा।
इस विकराल महामारी के बीच हमारे देश के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार वैक्सीन का निर्यात करने में व्यस्त है। केंद्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63 करोड खुराक दूसरे देशों को निर्यात कर चुकी है। यह देश के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन के लिए तय की गई अलग अलग कीमतें लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी का एक और उदाहरण हैं।
सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रुपये, राज्य सरकारों के लिए 300 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रुपये, राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये है। निजी अस्पताल एक खुराक के लिए 1500 रुपये तक वसूल रहे हैं। दो खुराकों की पूरी कीमत की गणना इसी के अनुसार होगी। मोदी सरकार द्वारा एक ही वैक्सीन की तीन अलग अलग कीमतें तय करना लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी कमाने का नुस्खा है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आज जरूरत है कि केंद्र सरकार वैक्सीन खरीदे और राज्यों एवं निजी अस्पतालों को निशुल्क वितरित करे। ताकि वह भारत के नागरिकों को मुफ्त लगाई जा सके। इससे कम कोई भी काम भारत एवं भारत के नागरिकों का बड़ा नुकसान है। साथ ही हमें 31 दिसंबर, 2021 तक या उससे पहले 18 साल से अधिक आयु की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने का काम पूरा करने की जरूरत है। देश के नागरिकों का बचाव करने का यही एकमात्र रास्ता है। इसका एकमात्र उपाय है कि एक दिन में कम से कम एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाए, न कि एक दिन में औसतन 16 लाख लोगों को।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि आप मोदी सरकार को दिन में एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने एवं यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन का निर्देश दें। कोविड-19 महामारी से लड़ाई एवं इस बीमारी को हराए जाने का यही एकमात्र रास्ता है। हर भारतीय को कोरोना से जीत दिलाने का भी यही एकमात्र रास्ता है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिह के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, प्रदेश महामंत्री गोदावरी थापली, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश सचिव गिरीश पुनेड़ा, सीताराम नौटियाल शामिल थे।

उत्तरकाशी में डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी उत्तरकाशी शहर अध्यक्ष दिनेश गौड़ के नेतृत्व में कांग्रेसजनो ने केन्द्र सरकार से प्रतिदिन एक करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन लगाये जाने एवं भारत के हर नागरिक को यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन दिलवाने वाबत भारत के राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी उत्तरकाशी को सौंपा। इस दौरान उत्तरकाशी जनपद में 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों को वैक्सीन न लग पाने एवम पंजीकरण के संबंध में भी चर्चा हुई ।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष विजेंद्र नौटियाल, मीडिया सेल गंगोत्री विधानसभा के अध्यक्ष प्रताप प्रकाश पंवार, शहर युवा अध्यक्ष संतोष कुमार, कार्यालय संगठन मंत्री जीत सिंह गुसाईं, सेवादल प्रमुख महाजन सिंह चौहान, महेंद्र पंवार प्रधान सिंगोट, वेदप्रकाश व्यास, रामगोपाल नौटियाल आदि मौजूद रहे।

हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में किया प्रदर्शन
बढ़ती मंहगाई से भड़के कांग्रेसियों ने बुद्ध पार्क, हल्द्वानी में केंद्र व राज्य सरकार का पुतला फूंकते हुए जमकर नारेबाजी की। कहा कि कोरोना काल के बावजूद लोगों का उत्पीडऩ किया जा रहा है। जबकि लोगों का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है। महंगाई कम करने के दावों और नारों के बीच सत्ता पाने वाली भाजपा अब वादाखिलाफ पर उतर आई। 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता इसका जवाब जरूरी देगी।
कांग्रेस महामंत्री हेमंत साहू के नेतृत्व में जुटे कार्यकर्ताओं ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बाद खाद्य तेल व अन्य चीजों के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। मई में ही लगातार तेल के दाम बढऩे के रिकॉर्ड टूट गए। उसके बावजूद सरकार खुद को जनता का हितैषी बता रही है। आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने कहा कि कोरोना की वजह से कोविड कफ्र्यू लगाकर कर लोगों का उत्पीडऩ किया जा रही है। स्थिति नियंत्रण में होने के बावजूद सरकार चरणबद्ध तरीके से बाजार खोलने व कारोबारियों को राहत देने में पूरी तरह नाकाम रही।
हीं, कोरोना के दौरान मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्रियों तक ने हवाई दौरे कर लोगों को राहत पहुंचाने के तमाम आश्वासन तो दिए। लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं हुआ। नियुक्ति की मांग को लेकर कोरोना योद्धा नर्से परेशान है। मगर उनकी कोई सुनने को तैयार नहीं। यानी हर वर्ग के लोग भाजपा की बुरी नीतियों से त्रस्त हो चुके हैं। ऐसे में इस जनविरोधी सरकार का जाना तय है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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