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December 5, 2023

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों ने किया सिलक्यारा का दौरा, घटना को बताया गंभीर

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उत्तराखंड में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत ने सिलक्यारा का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने टनल में फंसे 41 श्रमिकों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। साथ ही उन्होंने घटना को गंभीर बताया। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में सरकार को भी आड़े हाथ लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिपक्ष यशपाल आर्य मे कहा कि सिल्क्यारा टनल के मामले ने प्रदेश के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। एक सप्ताह से ज्यादा समय देश के लोग और विपक्ष नैतिक रूप से इस संकट की घड़ी में सरकार और आपदा प्रबंधन में लगी एजेंसियों के साथ खड़े थे। अब सब्र का बांध टूट रहा है। सरकार को बचाव कार्य करने के साथ जबाबदेही भी तय करनी होगी। यहां फंसे देश के 41 लोगों की बहुमूल्य जानों के साथ किसी को भी प्रयोग करने की इजाजत नही होनी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि 41 लोगों की जिंदगी सप्ताह भर से संकट में फंसी हैं। अभी भी बचाव के नाम पर हर दिन नए प्रयोग ही किए जा रहे हैं। सरकार को साफ करना चाहिए कि लगभग पांच किलोमीटर लंबी इस टनल के निर्माण के मूल प्रोजेक्ट में मलबा निकालने व बचाव के लिए एडिट टनल व एस्केप टनल का प्राविधान था भी या नहीं? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि अगर प्रोजेक्ट में ये प्राविधान था और कंपनी बिना एडिट टनल व एस्केप टनल के काम कर रही थी तो कंपनी पर सुसंगत धाराओं में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करना चाहिए। यदि प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ये महत्वपूर्ण प्राविधान नहीं किये थे, तो निर्माण करने वाले विभाग पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में राज्य के विभागों की तुलना में बहुत ही महंगी दरों पर बेहद घटिया काम लापरवाही के साथ हो रहा है। इसलिए सिलक्यारा जैसी स्थितियां पैदा हो रही हैं। राज्य सरकार को बेहद सम्बेदनशील टनल निर्माण के कार्य में लगी सरकारी कंपनी और जमीन पर काम कर रही पेटी कंपनी के टनल निर्माण के क्षेत्र के अनुभव को भी जनता के सामने रखना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यशपाल आर्य ने कहा कि मलबा टनल के शुरुआती 70 मीटर की दूरी पर ही गिरा है, लेकिन हादसे के नौ दिन बीतने के बाद अभी तक सब कुछ अनिश्चित है। बचाव कार्य के लिए जिन 6 विकल्पों की बात की जा रही है, उनकी प्रगति जमीन पर अभी नहीं के बराबर दिख रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार भले ही कितने बड़े दावे कर ले सिलक्यारा हादसे ने प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की पोल खोल कर रख दी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस परियोजना में आपातकाल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के दूसरे विकल्प ह्यूम पाइप को भी कुछ दिन पहले निकाल दिया था। एडिट टनल या ह्यूम पाइप के न होने की स्थिति में परियोजना में काम करने वाले मजदूरों को मौत के मुंह में धकेलने का अपराध किया गया है। इन सभी कमियों के बाद भी वे बचाव कार्य में लगे कार्मिकों की हिम्मत और मेहनत की सराहना करते हैं। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने कहा कि इस बड़ी परियोजना के निर्माण में मानकों और सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित करने में निश्चित रूप से अवहेलना हुई है। इसलिए अब दुर्घटना होने के बाद विकल्पों को तलाशा जा रहा है। परियोजना को शुरू करते समय भूगर्भीय सर्वेक्षण के बाद सबसे पहले सुरक्षा के विकल्पों को स्थापित किया जाना चाहिए था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि प्रारंभिक सूचनाओं से ये सिद्ध होता है कि यह दुर्घटना लापरवाही और अनुभवहीनता का नतीजा है। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिजलवाण, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मनीष राणा, जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैंतुरा, सतेंद्र कुमाई, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नत्थी लाल शाह, ब्लॉक अध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह, बिजेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है घटनाक्रम
गौरतलब है कि जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप लगभग 4531 मीटर लम्बी सुरंग का निर्माण हो रहा है। इसमें सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मीटर तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मीटर निर्माण हो चुका है। इसमें 12 नवम्बर 2023 की सुबह सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिर गया था। इसमें 41 व्यक्ति फँस गए। उसी दिन से श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चल रहा है। हालांकि, अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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