पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणामों को लेकर फूटा बेरोजगारों का गुस्सा, लोकसेवा आयोग के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन
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उत्तराखंड में पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के परिणामों को लेकर बेरोजगार युवाओं में रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है। हरिद्वार स्थित उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के कार्यालय के समक्ष युवाओं ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि रिजल्ट में आरक्षण का दुरुपयोग किया गया है। साथ ही उन्होंने दोबारा से रिजल्ट जारी करने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुरुवार को बेरोजगार युवा आयोग के कार्यालय पहुंचे और प्रदर्शन किया। दरसल सोमवार को पुलिस कांस्टेबल के 1520 पदों पर फाइनल रिजल्ट घोषित किया गया था। बेरोजगारों ने आरोप लगाया कि आयोग ने आरक्षण के नाम पर रिजल्ट की धज्जियां उड़ाते हुए मेरिट जारी की है। अभ्यर्थियों ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई महिला SC, OBC, ST अभ्यर्थी किसी पुरुष SC, OBC, ST अभ्यर्थी के स्थान पर सीट पा रही है। आयोग ने आरक्षण का गलत प्रयोग किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि फायरमैन के 445 पदों में से महिलाओं के लिए कुल 133 पद रिक्त थे। वहीं, पुरूषों के लिए 312 पद थे। इसके बावजूद आयोग ने 133 पदों के सापेक्ष मेरिट में 321 महिला अभ्यर्थियों को जगह दे दी। पुरूषों के 312 पदों के सापेक्ष सिर्फ 124 पुरूष अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ। मतलब महिलाओं की 133 पदों पर भर्ती होनी थी, लेकिन 188 अतिरिक्त उम्मीदवारों का चयन कर उनकी संख्या 321 कर दी। ये वैकेंसी पुरूष के लिए थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें वीडियोः सीएम से एक सवाल-कहां गई…
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि एक भर्ती में महिला अभ्यर्थियों को दो- दो आरक्षण कैसे मिल सकते हैं। बेरोजगारों का कहना है आयोग उनकी बात तक नहीं सुन रहा हैं। बेरोजगारों ने आरोप लगाया कि आयोग ने जानबूझकर 2 ऐसे सही प्रश्नों को डिलीट किया है, जिसके चलते कई मेहनती उम्मीदवार रिजल्ट से बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि आयोग ने 35 अभ्यर्थियों को फाइनल रिजल्ट से इसलिए बाहर कर दिया क्योंकि उनके सीने की माप और ऊंचाई कम थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेरोजगारों ने सवाल खड़े किए हैं कि आयोग ने फिजिकल के समय जब इन 35 अभ्यर्थियों का माप-तौल हुआ, तो उस वक्त इन्हें बाहर क्यों नहीं किया गया। इन अभ्यर्थियों से लिखित और फिर सत्यापन के लिए बुलाया गया। उन्होंने कहा कि यदि हमारा पक्ष जानने की कोशिश नहीं की गयी तो लोक सेवा आयोग के बाहर भूख हड़ताल पर बैठा जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में सचिन, अभय, ओम प्रकाश, आशीष त्यागी आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।