विपक्षी दलों का संयुक्त समन्वय का ऐलान, धामी सरकार पर नियमों और कानूनों से खिलवाड़ का आरोप, कल होगा धरना
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उत्तराखंड में विपक्षी दलों ने संयुक्त समन्वय का ऐलान किया है। साथ ही धामी सरकार पर अपने चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम कायदे कानूनों से खिलवाड़ का आरोप लगाया। साथ ही सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ने की रणनीति बनाई गई है। इस कड़ी में कल देहरादून के गांधी पार्क में धरना दिया जाएगा। आज देहरादून स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस प्रेस वार्ता में कांग्रेस, सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई (एमएल), उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, जेडीएस एवं अन्य विपक्षी दलों के राजनेताओं ने संयुक्त समन्वय का एलान करते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कहा कि ये सरकार दमनकारी नीति अपनाते हुए वन अधिकार कानून का साफ़ तौर पर उलंघन कर रही है। भू कानून को खत्म कर राज्य के संसाधनों को भू माफिया एवं पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए नियमों को ताक पर रख रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वर्त्तमान स्थिति में सरकार की ओर से लोगों के हक़ों के हनन एवं संविधान के मूल्यों पर चोट किये जाने के खिलाफ समान विचारधारा वाले सभी धर्म निरपेक्ष दल आज सूबे में एकजुट हो चुके हैं। माहरा ने बताया कि गत दिवस हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य और जनता से जुड़े सराकारों को ले कर महत्वपूर्ण बैठक हुई और अहम निर्णय लिए गए। इसमें हर महीने सर्वदलीय प्रेस वार्ता कर ज्वलंत मुद्दों को उठाया जायेगा। एक्शन प्लान समिति का घट्न होगा जो प्रत्मिक्ता के आधार पर रूप रेखा और रणनीति तैयार करेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अन्य वक्ताओं ने कहा कि तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण के अजेंडे को छुपाने के लिए राज्य की धामी सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रदेश भर में गरीब जनता को बेघर कर रही है। उसको कभी लैंड जिहाद, कभी मज़ार जिहाद का नाम दे कर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। सीपीआई एमएल के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के स्पष्ट प्रावधानों के तहत लोगों को अपने परंपरागत वनों, नदियों, रेत / बजरी, और उनके 2005 से पहले से अधिकार में रही ज़मीनों पर हक़ है। वहीं उत्तराखंड में इस कानून तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर लोगो को उजाड़ा जा रहा हे। जो कानूनन अपराध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल ने कहा कि भू माफिया सरकार को मैनेज कर रहा है और कोई भी ऐसी परियोजना, निर्माण कार्य, नियम जो स्थानीय लोगों के हितों को अनदेखी करते हैं, उनको बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। चुनाव से पहले राज्य में सशक्त भू कानून की बात करने वाली सरकार अभी इस सवाल पर खामोश है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि शहरों में भी 2022 तक हर परिवार को घर देने का वादा सरकार ने किया था, लेकिन वादा निभाना तो दूर की बात, कानून को ताक पर रख कर बसे बसाये लोगों को उजाड़ा जा रहा है। जनता के हक़ों को सुनिश्चित करने के बजाय इन मुद्दों को धर्म की आड़ ले कर शोषण और प्रताड़ित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल काउंसिल सदस्य समर भंडारी ने कहा कि उपरोक्त सभी मुद्दों के साथ साथ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करते हुए सत्ताधारी दल उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय एवं सामाजिक सौहार्द वाले राज्य में डर, नफरत और गुंडागर्दी का माहौल उत्पन करने की कोशिश कर रहा है। पिछले डेढ़ महीने में उत्तराखंड राज्य में छः अलग अलग हिंसक एवं सामाजिक ताने बाने को बिगाड़ने वाली घटनाएं हुई है। जिन्हे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घटक दलों ने अंजाम दिया है। जो सत्ता के दुरूपयोग के रूप में देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि 21 अक्टूबर 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया था कि पुलिस नफरती भाषण, वक्तव्यों एवं सामाजिक सौहार्द से छेडख़ाने करने वालों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करे। वहीं, प्रदेश में हो रही ऐसी सभी घटनाओं से सम्बंधित व्यक्ति सत्तारूढ़ दल से संबंध रखते हैं। इसलिए पुलिस प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य समिति सदस्य लेखराज ने इ रिक्शा, टैक्सी मैक्सी चालक एवं छोटे मोठे कार्यों से अपनी जीविकापार्जन करने वाले लोगों की व्यथा प्रेस वार्ता के दौरान रखती। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में सभी कानून पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रख कर बनाये जा रहे हैं गरीब जनता की सुद्ध लेने वाला कोई नहीं। प्रेस वार्ता के दौरान वक्ताओं ने घोषणा करते हुए कहा कि वह देश की बेटियों के सम्मान व न्याय हेतु 23 मई 2023 को महिला उत्पीड़न के खिलाफ देहरादून स्थित गाँधी पार्क में संयुक्त धरना प्रदर्शन करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रेस वार्ता का संचालन करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि अब क्रांति का वक्त आ चूका है। दमन और विध्वंशकारी सरकार की पराकाष्ठा हो चुकी है। ऐसे में जनता भाजपा का विकल्प तलाश रही है। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के नाते प्रदेश के सभी समान सोच और विचारधारा रखने वाले दलों से संपर्क साधेगी। जनहित और प्रदेश हित में आम जन के संघर्ष को एक नयी दिशा देने का प्रयास करेगी।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।