पर्वतों की बेटियों का पैगाम, देश की बेटियों के नाम, इन शहीद पर्वातारोही बेटियों के नाम समर्पित रही स्मारिका
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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में प्रभव साहित्य संगीत मंच एवं समता भारत ज्ञान विज्ञान समिति उत्तराखंड की ओर से महिला दिवस का उपलक्ष पर कारवां स्मारिका का विमोचन किया गया। स्मारिका का इस वर्ष का अंक और कार्यक्रम चार अक्टूबर 2022 को द्रोपदी के डांडा में पर्वतारोहण के दौरान शहीद हुई सविता कंसवाल और नौमी रावत को समर्पित रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पर्वतों की शहीद बेटियां पिघल कर नदी की धाराओं सागर की लहरों में समा गयी और उनके इस संदेश को मुख्यत: कि पहाड़ की बेटियों के पास पहाड़ सी कठिनाइयां होती हैं। सारी कठिनाइयां पार करके भी वह परचम लहराया करती हैं। कार्यक्रम में उनके परिवार के सदस्य में सविता के पिता राधेश्याम कंसवाल बहन केदारी, रश्मि मनोरमा, नौमी की बहन कविता और इशिका पहुंचे। इन सबको सम्मानित कर सहयोग धनराशि भी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य मेजर देवल वाजपेई जी ने उनसे जुड़ी अंतिम समय की यादों को साझा किया। वही विकासखंड शिक्षा अधिकारी हर्षा रावत ने कार्यक्रम पर्वतों की बेटी का पैगाम, देश की बेटियों के नाम की बहुत-बहुत सराहना की। कार्यक्रम में देहरादून से आए भारत ज्ञान विज्ञान समिति उत्तराखंड की समता सचिव डॉ उमा भट्ट, राज्य महासचिव सोहन सिंह रावत, राज्य सचिव कमलेश खंतवाल, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सतीश धौलाखंडी ने अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही साधना जोशी को सम्मानित भी किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कार्यक्रम का कुशल संचालन साधना ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आभा बहुंगणा ने की। सुमन रावत ने भारत ज्ञान विज्ञान समिति के सभी सदस्यों का स्वागत किया। कल्पना, राखी सिलवाल, नेहा नौटियाल, प्रमिला बिजलवाण, उर्मिला चमोली, सरिता भंडारी, उषा भट्ट, गीता गैरोला, मनीष सेमवाल ने अपनी अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी। डॉ अपर्णा रावत ने निम प्रिंसिपल एवं उपस्थित सभी सम्मानित लोगों का आभार एक जोशीली कविता के साथ किया। कार्यक्रम में शंभू नौटियाल अतुल महर, गुलाब सिंह महर, वीरेंद्र सिंह असवाल, भंडारी जी आशिता डोभाल उपस्थित रहे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।