Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 23, 2023

ईडी को मिली मनीष सिसोदिया की सात दिन की रिमांड, जमानत याचिका पर 21 मार्च को होगी सुनवाई

1 min read

दिल्ली शराब नीति केस में सीबीआई की गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 21 मार्च को दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। वहीं, इसी इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी जांच कर रही है। ईडी ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सिसोदिया से पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 7 दिन की ईडी की रिमांड में भेज दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ईडी ने दी ये दलील
ईडी ने अपनी दलील में बताया कि वैसे तो शराब नीति का यह फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का बताया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि एक आदमी के अलावा इसकी जानकारी किसी और को थी ही नहीं। ईडी ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए बताया कि पूरे सिंडीकेट को विजय नायर नेतृत्व कर रहा था। विजय नायर से ही के कविता ने मुलाकात की थी। इस संबंध में ईडी ने के कविता और विजय नायर के वॉट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट पेश किया है। एजेंसी ने कहा कि शराब नीति केस में 7 और लोगों को नोटिस भेजा है। ताकि उन्हें सिसोदिया के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) का पक्ष एडवोकेट जोहेब हुसैन ने रखा। उन्होंने दावा किया कि शराब नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी। इसके नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% लाभ पहुंचाया गया। सिसोदिया ने इससे जुड़े डिजिटल सबूत भी मिटा दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सिसोदिया के वकील का तर्क
मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कहा, ‘ED कह रहा है कि यह पॉलिसी गलत है। एक चुनी हुई सरकार ने यह पॉलिसी बनाई है। यह कई परतों से गुजरती है। ये सरकार के पास जाती है, अफसरों के पास जाती है। फाइनेंस और लॉ सेक्रेटरी के पास जाती है। ये पॉलिसी उप-राज्यपाल के पास जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि यह शराब नीति उप-राज्यपाल के पास गई। LG यानी केंद्र सरकार। उन्होंने 3 बातें पूछी थीं, लेकिन इनमें से एक भी प्रॉफिट मार्जिन या एलिजिबिलिटी से जुड़ी हुई नहीं थी। ED जल्दबाजी के बारे में बात कर रही है। मैं जल्दबाजी के ऐसे बहुत सारे उदाहरण दे सकता हूं। नोटबंदी की गई और इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक करार दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जांच एजेंसी अरेस्ट करना अपना अधिकार समझने लगी हैं
आप नेता मनीष सिसोदिया के दूसरे वकील ने कहा- इन दिनों ये फैशन बन गया है कि जांच एजेंसी अपने अधिकार समझकर लोगों को अरेस्ट कर रही हैं। समय आ गया है, कोर्ट को ऐसे मामलों में सख्ती से पेश आना चाहिए। बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति केस में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। 7 दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। बाद में कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च कर तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके बाद दो दिन की पूछताछ ईडी ने भी उनसे की। फिर उन्हें ईडी की ओर से भी गिरफ्तार करना दर्शाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *