वेब सीरीज कॉलेज रोमांस पर हाईकोर्ट सख्त, अश्लील कंटेंट पर मुकदमा, चौंकी जज, कहा- मैने खुद ईयर फोन लगाकर..
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इन दिनों ओटीटी प्लेटफार्म में वेब सीरीज की भरमार है। वहीं, इनके निर्माण में भाषा का ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है। बात बात पर गालियां तो मानों वेब सीरीज का हिस्सा बन चुकी हैं। ऐसे शब्दों का इनमें इस्तेमाल हो रहा है कि कोई भी अपने परिवार के साथ इन्हें नहीं देख सकता है। हाल ही में ‘फर्जी’ नाम से जारी हुई सीरीज के भी आठों एपिसोड में कोई भी ऐसा नहीं था, जिसमें गालियों को भरमार ना हो। इसी तरह अन्य सीरीज में भी गालियों की भरमार रहती है। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट में ओटीटी प्लेटफॉर्म टीवीएफ (TVF) की वेब सीरीज ‘कॉलेज रोमांस’ का मामला पहुंचा तो इस पर फैसला सुनाने से पहले जब महिला जज इन जब इसे देखा तो वह भी चौंक गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉलेज रोमांच को अश्लील कंटेंट बताते हुए एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि उन्हें खुद ईयर फोन लगाकर एपिसोड देखने पड़े, क्योंकि इसमें जिस तरह की की भाषा इस्तेमाल की गई है, अगर उसे सार्वजनिक तौर पर सुनतीं तो लोग चौक जाते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि उन्होंने अपने चैंबर में हेडफोन लगाकर इस सीरीज के एपिसोड देखे। इस तरह की भाषा न तो कोई सार्वजनिक तौर पर इस्तेमाल करता है, ना ही अपने परिवार में ऐसे बात करता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट नोट करती है कि निश्चित तौर पर यह वह भाषा नहीं है, जो इस देश के युवा या नागरिक संवाद के लिए इस्तेमाल करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जस्टिस शर्मा ने अपने आदेश में लिखा कि न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि सीरीज के डायरेक्टर सिमरन प्रीत सिंह और एक्टर अपूर्व अरोड़ा सेक्शन 67 और सेक्शन 67ए के तहत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें अदालत ने दिल्ली पुलिस को तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस भाषा को कॉलेज जाने वाले छात्रों की भाषा बताया है। इसका असर स्कूल बच्चों पर भी पड़ेगा और आने वाले दिनों में यह नॉर्मल हो जाएगा। नई पीढ़ी हमेशा अपनी पुरानी पीढ़ी से सीखती है, ऐसे में अगर स्कूली स्टूडेंट भी इसी तरह की अश्लील भाषा बोलने लगे तो यह समाज के लिए बहुत खराब होगा।