उत्तराखंड में भर्ती घोटाले पर गढ़वाली गीत-बेरोजगार धै लगाणा छीं, रचनाकार-भूपेन्द्र डोंगरियाल
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“बेरोजगार धै लगाणा छीं”
यख सब बेरोजगार अब धै लगाणा छीं,
ये नेता जी अपणी ही मवसी बणाणा छीं।
बड़ी मुश्किल से भैजी भर्ती खुलणी च,
नक़ल म फँसी भर्ती हवा म झुलणी च।
अब दलाल दफ्तरों म नोट कमाणा छीं,
ये नेता जी अपणी ही मवसी बणाणा छीं।
यख बाड़-उज्याड़ खांद पेपर ह्वैगी लीक,
क्वी आयोग थैं बचान्द-बतान्द जाँच ठीक।
नक़ल का ठेकेदार सब थैं भट्यांणा छीं,
ये नेता जी अपणी ही मवसी बणाणा छीं।
पुलिस लठ्यांणी हम थैं हम कख छिपदा,
यख को सुणलू दगिड्यो हमरी या विपदा।
तब नौनी-नौना यख का सड़क्यूँ म आणा छीं,
ये नेता जी अपणी ही मवसी बणाणा छीं।
यख सब बेरोजगार अब धै लगाणा छीं,
ये नेता जी अपणी ही मवसी बणाणा छीं।
कवि का परिचय
नाम- भूपेन्द्र डोंगरियाल
जन्म स्थान- ग्राम- बल्यूली, जनपद-अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड।
वर्तमान पता- आईटीआई कैम्पस, निरंजनपुर, देहरादून।
भूपेन्द्र डोंगरियाल उत्तराखण्ड राज्य सरकार के सेवायोजन एवं प्रशिक्षण अनुभाग में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वर्जिन साहित्यपीठ के सौजन्य से अभी तक उनकी पाँच ई बुक्स प्रकाशित हो चुकी हैं।
मोबाइल नम्बर-
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