सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जोशीमठ भू धंसाव का मामला, सीएम धामी ने किया जोशीमठ का दौरा, प्रभावितों से की बात
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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि पिछले एक वर्ष से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे थे। लेकिन समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना बेहद चिंताजनक है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सांस्कृतिक नगर जोशीमठ खतरे में हैं। एक सप्ताह से जमीन धंसने से 500 से अधिक मकान प्रभावित हुए हैं। मकानों में दरारें आ गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिमालय में जो कुछ हो रहा है, उसको लेकर लंबे समय से चिंता व्यक्त की जा रही थी। इसकी अनदेखी होते रही, जिसके दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। जमीन धंसने को लेकर अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को सही कारण का पता लगाना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जोशीमठ के हालातों की जानकारी देंगे, ताकि सकारात्मक पहल हो सके। प्राथमिकता से पीड़ितों का पुनर्वास कराया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं। शनिवार को वह स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने जोशीमठ जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्योतिर्मठ पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
शंकराचार्य स्वामी अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती शनिवार को ज्योतिर्मठ पहुंचे। मठ के प्रभारी मुकुदानंद ने बताया कि शंकराचार्य रविवार को नगर में हो रहे भू-धंसाव स्थल का निरिक्षण करेंगे और प्रभावितों का हालचाल जानेगें।
सीएम धामी ने आपदाग्रस्त इलाकों का किया दौरा, दिया हर संभव मदद का भरोसा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चमोली जिले के जोशीमठ में भूधंसाव से आई आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने जोशीमठ में प्रभावितों से मुलाकात की और उन्हें हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। इस दौरान लोगों ने जब सीएम को अपनी आपबीती सुनवाई तो वह भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सबसे पुराने ज्योतिर्मठ, जोशीमठ की सुरक्षा के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएंगे। साथ ही कहा कि पहले लोगों की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों की मदद को प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अभियान की भी अधिकारियों से विस्तार में जानकारी ली। इससे पहले उन्होंने क्षेत्र का हवाई सर्वे भी किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरक रहा है जोशीमठ
गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में धंसते जोशीमठ में तबाही का खतरा गहराने लगा है। यहां जमीन धंसने के कारण 600 घरों में दरारें आ गई हैं। हाईवे दरक गए। भवन और मकानों में दरारें आ गई। कई मंदिरों पर भी खतरा मंडरा रहा है। कई स्थानों पर पानी के स्रोत फूट गए। ऐसे में लगभग 600 परिवारों को उनके घर खाली करने का आदेश दिया गया है। साथ ही चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी मेगा परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर स्थानीय निवासियों की मांग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। जोशीमठ औली मार्ग आवागमन भी बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन लोगों के घर प्रभावित हुए हैं और उन्हें खाली करना है। उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से अगले छह महीने के लिए मकान किराए के रूप में 4,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आपदा की घड़ी में लोगों के साथ खड़ी है सरकार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खडी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बडी चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट की इस स्थिति में जानमाल की सुरक्षा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुनर्वास की की जा रही है वैकल्पिक व्यवस्था
उन्होंने कहा कि भुधंसाव से प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों के पुनर्वास की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। भूधंसाव रोकने के लिये तात्कालिक तथा दीर्घकालीक कार्य योजना पर गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। खतरे की जद में आए पूरे शहर में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे। जिसके लिए विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। शहर की सुरक्षा के लिए सीवर एवं ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द ही कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत इस समय तत्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाना जरूरी है।