कैबिनेट मंत्री हरक सिंह और विधायक काऊ दिल्ली दरबार में तलब, मिल सकता है तोहफा, फ्लाइट में नेता प्रतिपक्ष भी
1 min readउत्तराखंड में कांग्रेस पृष्ठभूमि के भाजपा विधायक एवं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा काऊ दिल्ली दरबार पहुंच गए हैं। बताया गया है कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तलब किया है। वहीं, उनकी फ्लाइट में नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह भी थे। इसे लेकर भी कई कयास लगाए जाने लगे, लेकिन इन नेताओं ने स्पष्ट किया कि प्रीतम सिंह अपने व्यक्तिगत कार्य से दिल्ली गए हैं।
वहीं, इस दौरान कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम से मुलाकात की। अब वह राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। चर्चा यह भी है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंप सकता है। इसी क्रम में उन्हें दिल्ली बुलाया गया है।
कभी हरक सिंह रावत का पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से विवाद सार्वजनिक होना तो कभी उमेश काऊ और कार्यकर्ताओं के बीच का विवाद सार्वजनिक होने से भाजपा की खूब छिछालेदारी हुई। कांग्रेस पृष्ठभूमि के भाजपा नेताओं को कार्यकर्ता भी पचा नहीं पाते हैं। हाल ही में उमेश काऊ ने पिछली नराजगी को लेकर भी बयान जारी कर दिया था। अब ऐसे में संगठन आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डैमेज कंट्रोल की तरफ ध्यान दे रहा है। इसी कड़ी में हरक सिंह रावत को दिल्ली दरबार में तलब किया गया है।
उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हुए हैं। सबसे पहले निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा का दामन थाम लिया। इसके बाद पुरोला से कांग्रेस के विधायक रहे राजकुमार ने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ चल दिए। इससे कांग्रेस को झटका लगा था।
इसके बाद कांग्रेस ने भी पलटवार रकिया और भाजपा सरकार में मंत्री यशपाल आर्य ने अपने विधायक बेटे के साथ भाजपा का साथ छोड़ दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया। बता दें कि यशपाल आर्य पहले भी कांग्रेस में ही थे, लेकिन साल 2017 में कांग्रेस से नाराजगी के चलते उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी। अब ठीक चुनाव से पहले उन्होंने घर वापसी की। आर्य का कहना था कि वे भाजपा की विचारधारा में ढल नहीं पाए थे। इसलिए भाजपा का साथ छोड़ वो कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि अब वह एकबार फिर अपने परिवार के साथ हैं और इससे अपने पार्टी को मजबूती मिलेगी।