पढ़िए बाल कवयित्री दीपिका की मां के लिए लिखी सुंदर रचना
1 min readमाँ
माँ और माँ का प्यार निराला है,
उसने ही मुझे सम्भाला है।
मैं मम्मी के बिना नहीं,
और मम्मी मेरे बिना नहीं है।।
सुबह सबेरे मुझे उठाती,
कृष्णा कहकर मुझे बुलाती।
जल्दी से मैं तैयार होती,
उसके कारण स्कूल जा पाती।।
पौष्टिक आहार मुझे खिलाती,
गृहकार्य भी पूरा करवाती।
माँ और माँ का प्यार निराला,
अच्छे संस्कार हममें भरवाती।।
जब हम कोई गलती करते
माँ समझाने की कोशिश करती।
लुटाती मुझपर अधिक प्यार,
बहुत दुलार माँ है करती।।
कवयित्री का परिचय
कु. दीपिका
कक्षा -7
राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय डोईवाला
देहरादून, उत्तराखंड।