दिल्ली जा सकते हैं किसान, अभी तो छोड़े जा रहे आंसू गैस के गोले, देहरादून में भी प्रदर्शन
1 min readदिल्ली कूच कर रहे किसानों को सीमाओं पर रोका गया है। इस बीच किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी जारी हैं। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि वे बातचीत करने के लिए दिल्ली आ सकते हैं। इसके बावजूद किसानों को आगे नहीं बढ़ने दिया जा रहा है। वहीं, उत्तराखंड में भी किसान आंदोलन का असर देखने को मिला। देहरादून में किसान सभा ने जिला मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
नहीं मिली किसानों को दिल्ली कूच की इजाजत
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की ओर कूच करने वाले आंदोलनरत किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत फिलहाल नहीं मिली है। हालांकि, किसानों से कहा गया है कि वे दिल्ली आ सकते हैं। इसके बाद भी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की भी खबरें आ रही हैं। किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें की जा रही है। टैक्टर में खाने पीने और अन्य जरूरी सामान लेकर चल रहे किसानों ने कई जगहों से दिल्ली में प्रवेश की कोशिश की थी।
दिल्ली पुलिस की चल रही है वार्ता
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सभी आंदोलनकारी किसान नेताओं से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की बातचीत चल रही है। यह बातचीत बुराड़ी इलाके में खाली ग्राउंड पर आंदोलनकारी किसानों को शिफ्ट करने को लेकर चल रही है। बातचीत सार्थक दिशा में चल रही है। हालांकि, अभी तक किसी भी किसान को दिल्ली में घुसने की परमिशन नही दी गई है। बातचीत के बाद आगे की योजना तय होगी।
अस्थायी जेल के प्रस्ताव को सरकार ने ठुकराया
इस बीच दिल्ली सरकार ने राज्य के 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल में बदलने की दिल्ली पुलिस की अर्जी को नामंजूर कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली सरकार से 9 स्टेडियम को अस्थायी जेल में तब्दील करने के लिए अनुरोध किया था। आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने दिल्ली पुलिस की इस मांग पर आपत्ति भी जताई।
देहरादून में किया प्रदर्शन
अखिल भारतीय किसान सभा ने आज किसान विरोधी कानून के खिलाफ जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। इसमें कहा गया है कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और कुछ स्वतंत्र किसान समूहों की ओर से आज देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। किसानों के भारी विरोध के बावजूद केंद्र सरकार किसानों के आन्दोलन तथा विपक्षी दलों सांसदों के भारी विरोध को अनसुना कर रही है। ये चिंताजनक है। देश के किसान काफी महीनों से आन्दोलित हैं। हमारे संगठनों का स्पष्ट मानना है कि इन विधेयकों का कानून से कृषि क्षेत्र बड़े घरानों की चारवाह बन जाऐगा और किसानों की स्थिति पहले से बदतर हो जाऐगी। किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस कानून को तत्काल वापस लिया जाए।
प्रदर्शनकारियों में किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, कोषाध्यक्ष शिवप्रसाद देवली, जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह, जिला महासचिव कमरूद्दीन, कोषाध्यक्ष माला गुरूंग, राजेंद्र पुरोहित, सतपाल, सुन्दर थापा, राजेन्द्र सिंह नेगी, लेखराज, नितिन मलेठा, अनन्त आकाश, पुरुषोत्तम बडोनी, शम्भू प्रसाद ममगाई, रिजवान, समीम, गुमानसिह, कामिल, मकसूद, जगदीश, सपना, राधा, नेहा, अर्जुन रावत, रविन्द्र नौडियाल, विजय भट्ट आदि शामिल थे ।