सर्द मौसम में फौजी की आवाज में इस शानदार गीत का उठाएं आनंद
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कमल बहादुर थापा देहरादून निवासी हैं। वह मध्यप्रदेश में सेना में हवलदार हैं। गीत संगीत उनकी रुचि है। कड़ी ड्यूटी के दौरान कुछ वक्त निकालकर वह अपना शौक पूरा करते हैं। बांसुरी की सुर लहरियां हो या फिर हारमोनियम सभी में उन्हें महारथ हासिल है। किसी गुरु से नहीं, बल्कि स्वयं के अभ्यास से ही उन्होंने ऐसी महारथ हासिल की। वर्ष 1971 की फिल्म सीमा के मोहम्मद रफी के इस गीत को उन्होंने कविता सिंह के साथ प्रस्तुत किया है। कमल के मुताबिक ये गीत उनके लिए थोड़ा सा मुश्किल है, क्योंकि इस गाने में उतार-चढ़ाव है। एकदम सुर ऊपर जाते हैं और नीचे आते हैं। फिर भी कोशिश की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर गीत व सुंदर प्रस्तुति.
जै हिंन्द