अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस आज, महिलाओं की तुलना में ज्यादा है पुरुषों का उत्पीड़न, जानिए इसका इतिहास, इस दिन का महत्व
1 min readहर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्यपुरुषों का मानसिक स्वास्थ्य, पुरुषत्व के सकारात्मक गुणों की सराहना, समाज में मौजूद पुरुष रोल मॉडल्स को मुख्यधारा में लाना, लैंगिक समानता आदि हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तरह हर साल 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है। हालांकि, जिस उत्साह और सपोर्ट के साथ महिला दिवस मनाया जाता है, उस तरह का एक्साइटमेंट व क्रेज पुरुष दिवस के लिए देखने को नहीं मिलता। यह दिन मुख्य रूप से पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है। आपको बता दें कि 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है। इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम है-मेकिंग अ डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉयज।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
1923 में कुछ पुरुषों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की थी। इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है। यह प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है, लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती। इसके पश्चात 19 नवंबर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया। डॉ. जीरोम तिलक सिंह ने पुरुषों के योगदानों को मुख्यधारा में लाने के लिए काफी प्रयत्न किये। तभी से 19 नवंबर को पूरे विश्व में उनके पिता के जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।
भारत में पहली बार मनाया गया 2007 में
भारत ने साल 2007 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया। इसके बाद से ही भारत में हर साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मुख्य रूप से पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और पुरुष रोल मॉडल्स को उजागर किए जाने के लिए मनाया जाता है। InternationalMensDay की वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया में महिलाओं से 3 गुना ज्यादा पुरुष सुसाइड करते हैं। 3 में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार है। महिलाओं से 4 से 5 साल पहले पुरुष की मौत होती है। महिलाओं से दोगुना पुरुष दिल की बीमारी के शिकार होते हैं। पुरुष दिवस पुरुषों की पहचान के सकारात्मक पहलुओं पर काम करता है।
पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य
-पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना।
- समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना।
- पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर।
- पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना।
- लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
- एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना।
जानिए ऐसे मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस
मेन्स डे पूरी तरह से पुरुषों का दिन है। विदेशों में तो इस दिन पुरुषों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्हें पार्टी दी जाती है। घूमने के लिए भेजा जाता है। हालांकि, भारत की बात करें तो यहां अब धीरे-धीरे इस दिवस को मनाने का जोर पकड़ने लगा है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की धूम दिखती है। आप भी अपने परिवार के मेल सदस्यों और अपने मेल दोस्तों को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की शुभकामनाएं और तोहफे देकर इस मौके को खास बना सकती हैं। चाहे कोई भी दिन हो पुरुष और महिला दोनों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।