ग्रामीणों ने सरकार को दिखाया आइना, जमा पूंजी से बनाई दो किलोमीटर सड़क, बुजुर्ग से कराया उद्घाटन
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सरकार ने तो आंखे मूंद ली, लेकिन ग्रामीणों ने जज्बा दिखाया। जमा पूंजी लगाई, श्रमदान किया और गांव को लाइफलाइन से जोड़ दिया। सड़क बनी और पहला वाहन जब गांव तक पहुंचा तो सब खुशी से झूम उठे। मानो इस गांव में दीपावली इसी दिन हो।
ग्रामीण क्षेत्रों की समस्या
ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य तीनों ही मामलों में उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों की स्थिति बदतर है। सड़क न होने के कारण बीमार को चारपाइ में डालकर कई किलोमीटर तक ग्रामीण पैदल चलते हैं। फिर मोटर मार्ग तक पहुंचने के बाद मरीज को वाहन से अस्पताल पहुंचाते हैं।
ग्रामीणों ने दिखाया जज्बा
उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक की ग्राम सभा सिनाऊ तल्ला मल्ल के अंतर्गत पड़ने वाले गांव सतभैया कोट खुलाई में सड़क नहीं है। यहां के ग्रामीण दो किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचते हैं। ग्राम सभा के इस तोक गांव के सभी लोंगो ने जब सरकार से गुहार लगाई और कुछ नहीं हुआ तो उन्होंने खुद की सड़क निर्माण की ठानी।
लगाई जमा पूंजी, किया श्रमदान
ग्रामीणों की कड़ी मेहनत के चलते यह सड़क बन पाई है । इसके लिए जेसीबी मशीन भी मंगवाई गई। इस काम के लिए ग्रामीणों ने आपस में चंदा किया। साथ ही सड़क बनाने के लिए हर ग्रामीण का हाथ लगा। बच्चे हों या बूढ़े, महिला हों या फिर युवा। सभी की मेहनत का नतीजा रहा कि सड़क गावं तक पहुंच गई।
इनका रहा योगदान
सड़क बनने पर ग्रामीणों ने गांव के बुजुर्ग से फीता कटवाकर उद्घाटन कराया। इस कार्य में ग्राम प्रधान त्रिलोक बर्थवाल, प्रदीप सिंह नेगी, सुनील नेगी, त्रिलोक नेगी, पूरण नेगी, शिव दर्शन सिंह नेगी, प्रेम रावत, संतोष रावत, सिनाऊ वन पंचायत अध्यक्ष मदन रावत का सहयोग रहा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।